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Friday, June 20, 2025
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मूवी रिव्यू: सिकंदर का मुकद्दर: एक सस्पेंस से भरपूर थ्रिलर

परिचय

‘सिकंदर का मुकद्दर’ एक क्राइम-सस्पेंस थ्रिलर है जो दर्शकों को एक अद्भुत रहस्यपूर्ण सफर पर ले जाती है। फिल्म का निर्देशन नीरज पांडे ने किया है, जो अपनी बारीक कहानी कहने की शैली और सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों के लिए मशहूर हैं। यह फिल्म 29 नवंबर 2024 को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई और तुरंत ही दर्शकों का ध्यान अपनी ओर खींचने में सफल रही।

कहानी: चोरी, शक और सच्चाई का सफर

फिल्म की कहानी की शुरुआत एक हाई-प्रोफाइल हीरे की चोरी से होती है। 50 करोड़ के लाल हीरे चोरी हो जाते हैं, और इस केस को सुलझाने का जिम्मा पुलिस अधिकारी विजय सिंह (जिमी शेरगिल) पर है। विजय के सामने तीन प्रमुख संदिग्ध हैं—मंगेश देसाई (राजीव मेहता), कामिनी सिंह (तमन्ना भाटिया), और सिकंदर शर्मा (अविनाश तिवारी)।

कहानी अपने हर मोड़ पर सस्पेंस को बनाए रखती है। प्रत्येक किरदार के व्यक्तित्व और उनके इरादों को इस तरह से गढ़ा गया है कि दर्शक हर पल यह अनुमान लगाने की कोशिश करते रहते हैं कि असली चोर कौन है। जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, किरदारों के अतीत के राज और उनकी आपसी उलझनें सामने आती हैं।

अंतिम क्षणों में कहानी ऐसा मोड़ लेती है, जो न केवल चौंकाने वाला है बल्कि यह सिखाता है कि न्याय और सच्चाई के रास्ते में बाधाओं के बावजूद इंसान को ईमानदार रहना चाहिए।

कलाकार: अभिनय की गहराई

जिमी शेरगिल: विजय सिंह की भूमिका में जिमी शेरगिल ने बेहतरीन अभिनय किया है। उनकी स्क्रीन प्रेजेंस और केस को सुलझाने के दौरान उनकी गंभीरता फिल्म को एक नया आयाम देती है।

तमन्ना भाटिया: कामिनी सिंह के किरदार में तमन्ना ने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को बांधकर रखा। उनका ग्रे शेड वाला किरदार उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाता है।

अविनाश तिवारी: सिकंदर शर्मा के रूप में अविनाश तिवारी ने फिल्म में गहराई जोड़ दी है। उनका रहस्यमय व्यक्तित्व दर्शकों को शुरू से अंत तक उलझाए रखता है।

राजीव मेहता: मंगेश देसाई के रूप में उनका प्रदर्शन प्रशंसा के काबिल है। उनका किरदार फिल्म में हास्य और गंभीरता का संतुलन बनाए रखता है।

निर्देशन: नीरज पांडे की कुशलता

नीरज पांडे ने अपनी कुशल निर्देशन शैली से फिल्म को मजबूत बनाया है। उनकी विशेषता है कि वह छोटे-छोटे विवरणों पर ध्यान देते हैं और कहानी में एक अप्रत्याशित मोड़ डालने में माहिर हैं। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक उनकी सोच और निर्देशन की परिपक्वता को दर्शाते हैं।

संगीत और सिनेमेटोग्राफी

फिल्म का संगीत कहानी के सस्पेंस और थ्रिल को गहराई देता है। बैकग्राउंड स्कोर हर सीन की गंभीरता को बढ़ाता है। फिल्म के लोकेशन का चुनाव और कैमरा वर्क इस बात को सुनिश्चित करता है कि दर्शक कहानी में पूरी तरह डूब जाएं।

निर्माण और उत्पादन

फिल्म का निर्माण फ्राइडे स्टोरीटेलर्स के बैनर तले हुआ है, और शीतल भाटिया ने इसे प्रोड्यूस किया है। उच्च गुणवत्ता वाला प्रोडक्शन और ध्यानपूर्वक डिजाइन किए गए सेट फिल्म को एक अलग पहचान देते हैं।

समीक्षा और निष्कर्ष

‘सिकंदर का मुकद्दर’ सस्पेंस थ्रिलर शैली में एक ताज़गी भरी कहानी लेकर आती है। यह फिल्म केवल चोरी और जांच की कहानी नहीं है, बल्कि मानवीय भावनाओं और नैतिकता के सवालों को भी उठाती है।

हालांकि, फिल्म की गति बीच-बीच में धीमी लगती है, लेकिन अंतिम आधे घंटे में कहानी दर्शकों को पूरी तरह बांधने में सफल रहती है। कलाकारों के दमदार प्रदर्शन और नीरज पांडे के सटीक निर्देशन के कारण यह फिल्म सस्पेंस प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

कुल मिलाकर: देखना न भूलें!

यदि आप सस्पेंस और थ्रिल से भरपूर फिल्में देखना पसंद करते हैं, तो ‘सिकंदर का मुकद्दर’ आपके लिए एक मनोरंजक अनुभव साबित होगी। यह फिल्म आपको अंत तक सोचने और उलझने पर मजबूर कर देगी।

रेटिंग और निष्कर्ष

सिकंदर का मुकद्दर’ एक बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर है, जो रहस्य और मनोरंजन का संतुलन बनाए रखती है। अपनी कहानी और दमदार प्रदर्शन के कारण यह दर्शकों को अंत तक बांधे रखती है।

  • मेरी रेटिंग: 3/5
  • IMDb रेटिंग: 5.7/10
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